गया के अफसर प्रशिक्षण अकादमी को विश्वस्तरीय अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी
बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय से प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। यह अकादमी
भारत का नम्बर वन होगा। अकादमी को विश्वस्तरीय बनाने में करीब 12 अरब रुपये
खर्च होंगे। इसका प्राक्कलन तैयार कर राशि निर्गत करने के लिए वित्त आयोग
को भेजा गया है।
इस आशय की जानकारी शनिवार को गया के अफसर प्रशिक्षण अकादमी में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए ले.जनरल अनिल चैत एवं ले.जनरल गोपाल सिंह बिष्ट ने दी। श्री बिष्ट ने पत्रकारों को बताया कि अफसर प्रशिक्षण अकादमी में कई तरह की तकनीकी कमी पाई गई है। जिससे अधिकारियों को प्रशिक्षण देने में परेशानी हो रही है। परेशानियों को देखते हुए गया अफसर प्रशिक्षण अकादमी को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की योजना है। इसके लिए 12 अरब रुपये का प्राक्कलन तैयार हो गया है।
द्वय सैन्य अधिकारियों ने बताया कि इस प्राक्कलन को रक्षा मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। अभी वर्तमान समय में राशि नहीं मिली है। राशि मिलने के बाद यहां युद्ध स्तर पर कार्य शुरू किया जाएगा। अकादमी को नम्बर बनाया जाएगा। जो गया सहित पूरे देश के लिए मान, सम्मान और गौरव को बढ़ाएगा।
इस आशय की जानकारी शनिवार को गया के अफसर प्रशिक्षण अकादमी में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए ले.जनरल अनिल चैत एवं ले.जनरल गोपाल सिंह बिष्ट ने दी। श्री बिष्ट ने पत्रकारों को बताया कि अफसर प्रशिक्षण अकादमी में कई तरह की तकनीकी कमी पाई गई है। जिससे अधिकारियों को प्रशिक्षण देने में परेशानी हो रही है। परेशानियों को देखते हुए गया अफसर प्रशिक्षण अकादमी को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की योजना है। इसके लिए 12 अरब रुपये का प्राक्कलन तैयार हो गया है।
द्वय सैन्य अधिकारियों ने बताया कि इस प्राक्कलन को रक्षा मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। अभी वर्तमान समय में राशि नहीं मिली है। राशि मिलने के बाद यहां युद्ध स्तर पर कार्य शुरू किया जाएगा। अकादमी को नम्बर बनाया जाएगा। जो गया सहित पूरे देश के लिए मान, सम्मान और गौरव को बढ़ाएगा।
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